देवी पार्वती का अवतार हैं सलकनपुर वाली माता विजयासन देवी, नवरात्रि के पहले दिन उमड़ी भीड़
सीहोर । मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 70 किलोमीटर दूर सीहोर जिले के सलकनपुर में विध्यांचल पर्वत पर विजयासन माता का प्रसिद्ध मंदिर है। यहां पहाड़ी के ऊपर विजयासन माता अपने दिव्य रूप में विराजमान है। विध्यांचल पर्वत पर विराजमान होने के कारण इन्हें विंध्यवासिनी देवी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सलकनपुर वाली माता विजयासन देवी माता पार्वती का अवतार हैं। सलकनपुर का मां विजयासन धाम प्रसिद्ध शक्तिपीठों में शामिल हैं।
प्राकृतिक रूप से निर्मित मूर्ति
यहां हर साल शारदीय एवं चैत्र नवरात्रि के दौरान भारी संख्या में देश-विदेश से भक्तों का आगमन होता है। यहां बड़ा मेला भी लगता है। मंदिर के गर्भगृह में विजयासन माता की एक प्राकृतिक रूप से निर्मित मूर्ति है। यहां पर मंदिर परिसर में देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भैरव बाबा के मंदिर भी स्थित है।
1000 फीट ऊंची पहाड़ी पर बना है विजयासन देवी धाम
विजयासन देवी धाम एक हजार फीट ऊंची एक पहाड़ी पर बना हुआ है। श्रद्धालु मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ी मार्ग, वाहन मार्ग के साथ ही रोपवे का भी उपयोग करते है। इस पवित्र मंदिर का निर्माण कुछ बंजारों द्वारा करवाया गया था। कहा जाता है कि देवताओं की प्रार्थना पर देवी ने राक्षस रक्तबीज को समाप्त कर दिया था तब देवी का नाम विजयासन पड़ा था। विजयासन देवी की पूजा कई लोग अपनी कुल देवी के रूप में भी करते हैं।
प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है मां विजयासन धाम
सलकनपुर का मां विजयासन धाम प्रसिद्ध शक्तिपीठों में शामिल है। इसकी स्थापना का समय स्पष्ट रूप से नहीं पता लेकिन इतना ज्ञात है कि इस मंदिर का निर्माण 1100 ई. के करीब गौंड राजाओं द्वारा किला गिन्नौरगढ़ निर्माण के दौरान करवाया गया था। प्रसिद्ध संत भद्रानंद स्वामी ने मां विजयासन धाम में कठोर तपस्या की। उन्होंने नल योगिनियों की स्थापना कर क्षेत्र को सिद्ध शक्तिपीठ बनाया था। लाखों भक्त इस तपस्या स्थली पर पहुंचते हैं और मन्नत मांगते हैं।
विज्ञापन
रक्तबीज से युद्ध के अवशेष नजर आते हैं पहाड़ी पर सैकड़ों जगह
कहा जाता है कि राक्षस रक्तबीज के वध के बाद माता जिस स्थान पर बैठी थीं, उसी स्थान को विजयासन के रूप में जाना जाता है। इसी पहाड़ी पर सैकड़ों जगह पर रक्तबीज से युद्ध के अवशेष नजर आते हैं। नवरात्र में इस स्थान पर लाखों श्रद्धालु मन्नत पूरी होने पर चढ़ावा-चढ़ाने, जमाल चोटी उतारने और तुलादान कराने पहुंचते हैं। परिसर सर्वसुविधायुक्त है।
प्रतिदिन हजारों की संख्या में पहुंच रहे श्रद्धालु
सलकनपुर देवीधाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजा अर्चना के लिए पहुंच रहे है। नवरात्री पर्व के दौरान हजारों श्रद्धालु देवीधाम पहुंचकर मां बिजासन की विधिवत पूजन अर्चन कर रहे हैं। सलकनपुर में श्रद्धालुओं की सुविधा की दृष्टि से प्रशासन द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है। यहां यात्रियों के आगमन, पार्किंग, पेयजल आदि की सभी व्यवस्थाएं की गई है। इसके ही श्रद्धालु सुविधाजनक ढंग से दर्शन कर सकें, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा अनेक अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है। प्रांरभ सीढ़ी मार्ग, मध्य सीढी़ मार्ग, वाहन मार्ग, मेला स्थल, मंदिर परिसर में भी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
ऐसे पहुंचे सलकनपुर धाम
जिला मुख्यालय सीहोर से 80 किमी दूर रेहटी तहसील में है। रेल मार्ग से भोपाल से 75 किमी की दूरी पर है। होशंगाबाद से 40 किमी की दूरी पर, इंदौर से 180 किमी और सीहोर से 80 किमी की दूरी पर बस द्वारा मां विजयासन धाम पहुंचा जा सकता है।