लखनऊ । यूपी के 24 पीपीएस अधिकारियों को आईपीएस संवर्ग में प्रोन्नति देने के लिए विभागीय प्रोन्नति कमेटी की बैठक (डीपीसी) हुई। इनमें से 22 पीपीएस अधिकारियों को आईपीएस पद पर प्रोन्नत करने पर सहमति बनी। दो पीपीएस अधिकारियों की जांच लम्बित होने के कारण उनके प्रमोशन के बाबत लिफाफा बंद रखा गया। 
शासन स्तर पर साल 1994, 95 व 1996 बैच के पीपीएस अधिकारियों को प्रोन्नति के लिए लोकसेवा आयोग के सदस्य, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार की मौजूदगी में बैठक हुई। आईपीएस संवर्ग में जाने वाले इन अफसरों में बजरंग बली, डॉ. दिनेश यादव, समीर सौरभ, मो. इरफान अंसारी, अजय प्रताप, नेपाल सिंह, अनिल कुमार, कमलेश बहादुर, राकेश कुमार सिंह, लाल भरत कुमार पाल, रश्मी रानी, अनिल कुमार यादव, संजय कुमार, शैलेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, लक्ष्मी निवास मिश्र, राजेश कुमार श्रीवास्तव, चिरंजीव नाथ सिन्हा, विश्वजीत श्रीवास्तव, मनोज कुमार अवस्थी, अमृता मिश्रा, रोहित मिश्रा, शिवराम यादव, अशोक कुमार और दीपेंद्र नाथ चौधरी शामिल हैं। 
डीपीसी में कागजी औपचारिकताओं में कमी पाये जाने के चलते 1996 बैच के शैलेन्द्र श्रीवास्तव पर सहमति नहीं बनी। जबकि, अजय प्रताप से जुड़े अभियोजन के एक मामले और साल 1993 बैच के पीपीएस अधिकारी संजय कुमार यादव की लंबित जांच के कारण इन दोनों की प्रोन्नति पर फिलहाल फैसला नहीं लिया जा सका। इस कवायद में दो दंपतियों को भी प्रोन्नति मिली है। इनमें से एक बाराबंकी में तैनात एडिशनल एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा और अभिसूचना इकाई में तैनात उनकी पत्नी रश्मि रानी हैं। जबकि दूसरे शाहजहांपुर में कार्यरत एडिशनल एसपी मनोज अवस्थी और स्थापना में तैनात उनकी पत्नी अमृता मिश्रा हैं।