मोदी-ट्रंप बैठक में अदाणी का जिक्र नहीं, पीएम ने दिया स्पष्टीकरण
वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के दौरान उद्योगपति गौतम अदाणी के खिलाफ लगाए गए रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जब दो वैश्विक नेता मिलते हैं तो ऐसे व्यक्तिगत मामलों पर चर्चा नहीं की जाती।
अमेरिका की एक अदालत में अदाणी के खिलाफ चल रहा मुकदमा
व्हाइट हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान पीएम मोदी से पूछा गया कि क्या उन्होंने कथित रिश्वतखोरी में शामिल होने को लेकर न्यूयार्क की एक अदालत में अदाणी और उनके प्रमुख सहयोगियों पर चल रहे मुकदमे का मुद्दा उठाया।
इस पर उन्होंने कहा, 'सबसे पहले, भारत एक लोकतांत्रिक देश है और हमारी संस्कृति और हमारा विचार दर्शन 'वसुधैव कुटुंबकम' है। हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं। मेरा मानना है कि हर भारतीय मेरा है। दो देशों के दो प्रमुख नेता ऐसे व्यक्तिगत मामलों पर कभी चर्चा नहीं करते हैं।'
अदाणी पर रिश्वत देने का आरोप
ट्रंप ने प्रेस वार्ता के दौरान इस मामले का कोई जिक्र नहीं किया। पिछले वर्ष अमेरिकी न्याय मंत्रालय ने अदाणी समूह के प्रमुख गौतम अदाणी, उनके भतीजे सागर और प्रमुख कार्यकारी अधिकारी विनीत जैन पर आरोप लगाया था कि वे भारतीय अधिकारियों को करीब 2,100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कथित साजिश का हिस्सा थे। यह रिश्वत कथित रूप से सौर बिजली की आपूर्ति के लिए ठेका हासिल करने के लिए दी गई थी। हालांकि अदाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है।
ट्रंप ने गत सोमवार को करीब आधी सदी पुराने विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम के क्रियान्वयन पर रोक लगाने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर किए। अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी की जांच इसी कानून के तहत शुरू की गई थी। यह माना जा रहा है कि ट्रंप के इस कदम से अदाणी को राहत मिल सकती है।
यूक्रेन युद्ध पर भारत तटस्थ नहीं, शांति का पक्षधर
पीएम मोदी ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध समाप्त कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया। इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं खोजा जा सकता और शांति के लिए वार्ता और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि भारत युद्ध के मामले में तटस्थ नहीं रहा है और वह शांति का पक्षधर है।
ट्रंप के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में मोदी ने कहा, 'मैं हमेशा रूस और यूक्रेन के साथ निकट संपर्क में रहा हूं। मैंने दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात की है। दुनिया को यही लगता है कि भारत तटस्थ है, लेकिन मैं दोहराना चाहता हूं कि भारत तटस्थ नहीं रहा है।'
अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को लेने को तैयार
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्रंप के साथ बैठक के दौरान कहा कि भारत अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है, अगर वे अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे हैं। उन्होंने मानव तस्करी के इकोसिस्टम को खत्म करने की जरूरत पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने यह भरोसा जताया कि राष्ट्रपति ट्रंप इस इकोसिस्टम को खत्म करने में भारत का पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि जो लोग दूसरे देशों में अवैध रूप से रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब आगामी दो दिनों में अमेरिका अवैध रूप से रह रहे 277 भारतीयों को निर्वासित करने वाला है।