भोपाल । संविदा कर्मचारियों के पे ग्रेड को कम करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। 1 साल के अंदर 8000 से अधिक संविदा कर्मचारियों के मामले हाई कोर्ट में लंबित है।हाईकोर्ट द्वारा स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन एसीएस सहित पांच अधिकारियों के खिलाफ वारंट जारी करने के बाद मामला हरकत में आया है।
 सीपीआई इंडेक्स के आधार पर वेतन देने एवं अन्य मांग को लेकर यह हड़कंप मचा हुआ है। विभागों द्वारा शासन के निर्णय को अपने-अपने तरीके से क्रियान्वय किए जाने के कारण विसंगतियां उत्पन्न हुई हैं। संविदा कर्मचारियों का कहना है, कि 2018 से लेकर पिछले साल तक के 6 साल में सरकार ने दो बार नीतियां बनाई। विभागों ने उसे पर अमल ही नहीं किया। पिछले साल सरकार ने नौ घोषणाएं की थी। उसमें से केवल एक घोषणा का ही पालन किया गया है। एक बार फिर संविदा कर्मचारी समान वेतन देने,अनुकंपा नियुक्ति, ग्रेजुएट,अवकाश, स्वास्थ्य बीमा, सीपीआई इंडेक्स के आधार पर वेतन देने की मांग पर आंदोलित हैं।