धान खरीदी में अनियमितताएं: एफआईआर और निलंबन की कार्रवाई

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में धान खरीदी में अनियमितताओं को लेकर नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने विधानसभा में प्रश्न उठाया। उन्होंने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में अनियमितताओं (धन खरीद घोटाला) और उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी। इसके जवाब में खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने लिखित में जानकारी दी। खाद्य मंत्री ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में 10 फरवरी 2025 तक अनियमितताओं के कुल 46 मामले प्रकाश में आए हैं। इनमें धान खरीदी केंद्रों पर कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही और अनियमितताएं शामिल हैं।
कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई
मंत्री ने बताया कि अनियमितताओं (धन खरीद घोटाला) के मामलों में सख्त कार्रवाई की गई है। इन मामलों में 22 कर्मचारियों के खिलाफ 8 एफआईआर दर्ज की गई हैं। साथ ही 5 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, 13 कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है और 21 कर्मचारियों को धान खरीदी के काम से हटा दिया गया है। इसके अलावा 2 कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया गया है।
धान बेचने वाले किसानों के आंकड़ों का जवाब नहीं
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी पूछा था कि पंजीकृत किसानों, धान बेचने वाले किसानों और धान नहीं बेचने वाले किसानों की संख्या और रकबा कितना है। हालांकि खाद्य मंत्री ने अभी तक इस सवाल का जवाब नहीं दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस बारे में भी जानकारी साझा की जाएगी। डॉ. चरणदास महंत ने मांग की है कि धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है।