हरदोई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्राकृतिक आपदा के समय फसल में होने वाले नुकसान की भरपाई करेगी। इसके लिए किसानों को अपनी फसल का बीमा कराना होगा। कृषि विभाग के कर्मचारी व फसल बीमा कंपनी के कर्मचारी संयुक्त रूप से किसानों को फसल बीमा कराने के लाभों को गिनाएंगे।

कृषि विभाग ने इस बार एक लाख केसीसी धारक व गैर ऋणी किसानों को जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए एक जुलाई से विशेष अभियान चलाया जाएगा।

उप निदेशक कृषि सतीश पांडेय ने बताया कि योजना का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों के कारण होने वाले फसल नुकसान से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। यह योजना सभी ऋणी एवं गैर-ऋणी कृषकों के लिए है।

किसान कम प्रीमियम देकर अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं। खरीफ फसलों के लिए दो प्रतिशत प्रीमियम निर्धारित है। शेष बीमा राशि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाती है। बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है। उन्होंने बताया कि जिले में धान, तिल, उर्द, ज्वार, बाजरा, मूंगफली, मक्का किसान अपनी फसल का बीमा करा सकेंगे।

यह देनी होगी प्रीमियम राशि

किसानों को देय प्रीमियम दर धान की प्रीमियम धनराशि 1646, तिल की प्रीमियम धनराशि 1076, उर्द की प्रीमियम धनराशि 768, मक्का की प्रीमियम धनराशि 942, ज्वार की प्रीमियम धनराशि 808, मूंगफली की प्रीमियम धनराशि 1440 एवं बाजरा की प्रीमियम धनराशि 730 प्रति हेक्टेयर है।

किसान निकटतम बैंक या सीएससी के माध्यम से करवा सकेंगे बीमा

किसान नजदीकी बैंक शाखा, कामन सर्विस सेंटर (सीएससी), कृषि विभाग के कार्यालय व आनलाइन पोर्टल के माध्यम से अपनी फसल का बीमा करवा सकते हैं। इसके लिए भूमि दस्तावेज, पहचान पत्र, बैंक पासबुक, बोआई का प्रमाण दस्तावेज आवश्यक होंगे।

प्राकृतिक आपदाओं से फसल नुकसान होने पर उन्हें पूरी क्षतिपूर्ति मिलेगी। इसके लिए किसानों को फसल नुकसान होने पर 72 घंटे के भीतर टोल फ्री नंबर 14447, क्राप इंश्योरेंस एप, संबंधित बैंक शाखा या कृषि विभाग में भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।